Om Birla Lok Sabha Speaker : ओम बिरला बने लोकसभा के अध्यक्ष, इस विशेष अवसर पर पीएम मोदी, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी ओम बिरला को आसन तक लेकर गए
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार ओम बिरला को लोकसभा के अध्यक्ष के रूप में चुना गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा, जिसे केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह समेत कई प्रमुख नेताओं ने समर्थन दिया। विपक्ष की ओर से के. सुरेश का नाम प्रस्तावित किया गया। प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने सदन की कार्यवाही को आगे बढ़ाते हुए प्रस्ताव प्रस्तुत किया। ध्वनिमत से ओम बिरला को लोकसभा अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया। इस विशेष अवसर पर पीएम मोदी, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी ओम बिरला को आसन तक लेकर गए। राहुल गांधी को बीती रात ही कांग्रेस ने नेता प्रतिपक्ष घोषित किया था।
Om Birla का राजनीतिक सफर
ओम बिरला, राजस्थान के कोटा से तीन बार सांसद रह चुके हैं और तीन बार विधायक भी रहे हैं। उनके नेतृत्व में, उन्होंने 86 प्रतिशत उपस्थिति के साथ 671 प्रश्न पूछे और 163 बहसों में भाग लिया। 2019 में दूसरी बार सांसद बनने के बाद उन्हें लोकसभा अध्यक्ष चुना गया। उनके कार्यकाल में नए संसद भवन का निर्माण हुआ और अनुच्छेद 370 को हटाने, नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) लागू करने सहित कई ऐतिहासिक कानून पारित हुए।
Om Birla का राजनीतिक करियर
ओम बिरला ने 2003 में पहली बार कोटा से विधानसभा चुनाव जीता। 2008 में उन्होंने कोटा दक्षिण सीट से कांग्रेस नेता शांति धारीवाल को हराया। 2013 में उन्होंने तीसरी बार कोटा दक्षिण सीट से जीत हासिल की। 2014 में उन्होंने पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा और विजयी हुए। 2019 और 2024 में भी उन्होंने लोकसभा चुनाव जीते। 2019 में बीजेपी ने उन्हें लोकसभा स्पीकर बनाया, और उन्होंने सदन को सफलतापूर्वक चलाया।
Om Birla का निजी जीवन
ओम बिरला का जन्म 23 नवंबर 1962 को कोटा में हुआ। उनके पिता का नाम श्रीकृष्ण बिरला और माता का नाम श्रीमती शकुंतला देवी है। उन्होंने 11 मार्च 1991 को डॉक्टर अमिता बिरला से शादी की। उनकी दो बेटियां हैं – आकांक्षा और अंजलि बिरला। ओम बिरला ने 1986 में महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय से एम.कॉम. की डिग्री प्राप्त की।
Om Birla की मुख्य उपलब्धियाँ
ओम बिरला लोकसभा के ऐसे पहले स्पीकर हैं जिन्होंने नए और पुराने दोनों संसद भवनों में काम किया है। उनके कार्यकाल में अनुच्छेद 370 हटाना, नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू होना और कई अन्य महत्वपूर्ण विधायी कामकाज हुए। 17वीं लोकसभा की उत्पादकता 97% रही, जो पिछले 25 सालों में सबसे अधिक थी। कोरोना महामारी के बीच 17वीं लोकसभा के चौथे सत्र की उत्पादकता 167% रही, जो लोकसभा के इतिहास में सबसे ज्यादा है। उनके कार्यकाल के दौरान संसद के संचालन में वित्तीय अनुशासन को प्रोत्साहित कर 801 करोड़ की बचत की गई। 17वीं लोकसभा के दौरान 222 विधेयक कानून बने, जो पिछली तीन लोकसभा में सबसे ज्यादा है।
Om Birla का सामाजिक और राजनीतिक आंदोलन
ओम बिरला ने कोटा में IIT की स्थापना के लिए बड़े पैमाने पर जन आंदोलन किया। उन्होंने बूंदी जिले को चंबल नदी का पानी उपलब्ध कराने के लिए भी आंदोलन किया। राजस्थान एटोमिक पावर प्लांट रावतभाटा में स्थानीय लोगों को रोजगार और क्षेत्र के विकास के लिए भी बड़े पैमाने पर जन आंदोलन किया।
Om Birla के अन्य महत्वपूर्ण पद
ओम बिरला ने कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। 19 जून 2019 को वह सर्वसम्मति से 17वीं लोकसभा के अध्यक्ष निर्वाचित हुए। 2003, 2008 और 2013 में वह राजस्थान विधानसभा में कोटा और कोटा दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए। 1997-2003 तक वह भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे। 1993-1997 तक वह भारतीय जनता युवा मोर्चा राजस्थान प्रदेश के अध्यक्ष रहे। 1987-1991 तक वह भारतीय जनता युवा मोर्चा कोटा जिलाध्यक्ष रहे। 2002-2004 तक वह राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लि. नई दिल्ली के उपाध्यक्ष रहे। 1992-2004 तक वह राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लि. नई दिल्ली के डायरेक्टर रहे।
ओम बिरला की यह यात्रा उनके समर्पण और कड़ी मेहनत की गाथा है। उनके नेतृत्व और राजनीतिक अनुभव ने उन्हें भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है। उनकी उपलब्धियों और नेतृत्व कौशल को देखते हुए यह कहना उचित होगा कि वे भविष्य में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहेंगे।
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